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मंगलवार, 13 अक्तूबर 2009

कलह का कहर

मेरी किताब सलाखों में सिसकती सांसे की तेरहवीं कड़ी

पारिवारिक कलह परिवार के सुख- चैन को लील लेती है। तू- तू मैं- मैं से शुरू हुआ कलह का सफर कई बार भयानक अंजाम को पहुंचता है। जोहरा के साथ भी ऐसा ही वाकिया जुड़ा हुआ है। ननद- भौजाई की कलह ने भौजाई को परलोक पहुंचा दिया और ननद को सलाखों में। जोहरा को अपनी भौजाई को जलाकर मारने के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई।
छब्बीस वर्षीय जोहरा ने अपनी गलत हरकतों से न केवल पीहर का सुख चैन छीन लिया बल्कि ससुराल की अपनी गृहस्थी को भी पटरी से उतार लिया। जोहरा के गलत रास्ते पर ही चलने का नतीजा था कि कई साल पहले पति ने भी उसे तलाक दे दिया था।
पति के छोड़ देने के बाद जोहरा अपने पीहर में रहती थी। उसके तीन भाई थे। तीसरे नम्बर के भाई की शादी हुए लगभग साढ़े चार साल ही हुए थे। इस छोटे भाई की पत्नी और जोहरा में शुरू से ही कम बनती थी। दरअसल जोहरा की आदतें व चाल चलन ठीक नहीं था। इसी सबके चलते जोहरा की भौजाई उससे चिढ़ती थी। दोनों में बात- बात पर तू- तू मैं- मैं होना और झगड़ा आम बात थी। वह अपने भाइयों को भी भौजाई के बारे में उल्टी- सीधी बातें बताती थी। जोहरा की इन सब आदतों की शिकार उसकी भौजाई को होना पड़ता। उसके अपने जेठ भी उसे लताड़ते और पति भी उसकी पिटाई करता। जोहरा अक्सर अपने भाई को सिखा- सिखाकर भौजाई की पिटवाई कराती रहती थी। उधर भौजाई को भी जोहरा फूटी आंख नहीं सुहाती थी। ननद से न बनने का एक कारण ननद का बदचलन होना था। दरअसल जोहरा के अपने बुआ के लड़के से ही नाजायज सम्बन्ध थे। बुआ के लड़के से गलत सम्बन्ध के चलते ही तो पति ने जोहरा को छोड़ दिया था। फिर भी जोहरा नहीं संभली। जारी रखा गुमराही की ओर कदम बढ़ाना। पीहर में उनका मकान और बुआ का मकान सटा हुआ था और इसी कारण उनके अवैध रिश्ते आगे बढ़ते गए। अवैध रिश्ते ने उसके पति के रिश्ते को छुड़वा दिया। जोहरा अपने ही मासूम बेटे से दूर हो गई। लेकिन नहीं दूर हुई तो अपने प्रेमी से।
दिशाहीन जोहरा अपनी भौजाई को भी अपने संबंधों में रोड़ा समझती थी। उधर भौजाई भी जोहरा और जोहरा के बहकाने से अन्य ससुरालजनों की प्रताडऩा से पीडि़त थी। जोहरा के प्रेमी का घर आना- जाना भी उसे नहीं सुहाता था।
शादी के दो साल बाद ही भौजाई ससुराल के माहौल से तंग आ चुकी थी। खास तौर से अपनी ननद से। और फिर एक दिन भोजाई ने तेल छिड़ककर खुद को जला लिया। मरने से पहले बयान दिया कि उसको उसकी ननद जोहरा, जोहरा के प्रेमी, उसके जेठ ने जलाकर मार दिया। जोहरा की हर बात पर यकीन करके उसे प्रताडि़त करने वाले जेठ का भी भौजाई ने नम्बर ले लिया और उस पर भी इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगा दिया।
इसी के चलते जोहरा पहुंच गई सलाखों में। जोहरा के प्रेमी और बड़े जेठ को भी उम्रकैद हो गई। जोहरा की गलत हरकतों ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा। पति, बेटा व ससुराल तो पहले ही छूट गया था, अब पीहर भी छूट गया। ठिकाना बन गया जेल।

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