.

शुक्रवार, 28 अगस्त 2009

महिला कैदी-11

मेरी किताब सलाखों में सिसकती सांसे की ग्यारहवी कड़ी

जेल बना घर

सास-बहू का रिश्ता बहुत नाजुक है। कई बार इस रिश्ते में आई दरार परिवार को तबाही के कगार पर लाकर खड़ा कर देती है। पचास वर्षीय लच्छो देवी का परिवार भी इसी का उदाहरण है। सास की लगातार उपेक्षा और प्रताडऩा ने स्वस्थ बहू को बीमार बना दिया। बहू लम्बे वक्त तक बीमार रही। फिर एक दिन बहू तो दुनिया से रुखसत हो गई, लेकिन उसकी सास, ससुर व पति की दुनिया खराब हो गई। वे तीनों बहू की हत्या के जुर्म में सलाखों में पहुंच गए और उनके बच्चे सड़क पर आ गए। बच्चों की परवरिश व भविष्य पर प्रश्नचिह्नï लग गया। आम घरों की तरह लच्छो देवी के घर में भी पहले सब कुछ सामान्य चल रहा था। पति चुनाई का काम करते थे। घर में खुशहाली थी। लच्छो ने अपने बड़े बेटी की शादी की। शादी के कुछ वक्त बाद ही लच्छो और उसकी नई नवेली बहू बसंती में अनबन होने लगी। लच्छो ने अपनी बहू की अक्सर उपेक्षा की। उसे विभिन्न तरीकों से प्रताडि़त किया। ससुराल के विपरीत हालात ने बसंती को बीमार बना दिया। बीमार बसंती का साथ न तो पति ने दिया और न ही ससुर ने। बसंती के हमसफर ने उसे अपने हाल पर छोड़ दिया और अपनी मां की गलत हरकतों पर खामोश रहा। एक दिन बसंती हमेशा के लिए दुनिया छोड़ गई। बसंती की सास, ससुर व पति पर आरोप लगा उसे जान से मारने का। बसंती के पीहर वालों ने उसकी सास, ससुर व पति के खिलाफ दहेज हत्या का आरोप लगाया। बार-बार टटोलने पर भी लच्छो ने यह स्वीकार नहीं किया कि उन्होंने ही इस गुनाह को अंजाम दिया। उसका कहना था कि अक्सर बीमार रहने की वजह से वह काफी कमजोर हो चुकी थी और इसी के चलते वह एक दिन चल बसी। उसके चेहरे से यह भाव तो साफ झलका कि स्वस्थ बहू को खटिया तक पहुंचाने की गुनाहगार तो वो रही-रही और इसी गुनाह में भागीदार बना लिया अपने पति व बेटे को। लच्छो और उसके बेटे को दस-दस साल की सजा हुई। इस हादसे ने तो लच्छो देवी को कहीं का नहीं छोड़ा। उसका कमाऊ पति व बेटा भी जेल पहुंच गया और घर पर छूट गए तीन नाबालिग बच्चे। उन बच्चों का पीछे कोई धणी-धोरी नहीं रहा। बच्चों की बात छेडऩे पर उसकी आंखों से आंसू टपकने लगते थे। वह उनकी देखभाल और भविष्य को लेकर गमगीन हो जाती थी। कहती थी, अब तो उनकी पढ़ाई भी छूट जाएगी और उनकी देखभाल कैसे होगी पता नहीं। लच्छो के गलत कारनामों ने उसके परिवार को कहीं का नहीं छोड़ा। उसका, पति और बेटे का घर जेल हो गया और बच्चे बेघर हो गए।

कोई टिप्पणी नहीं: