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मंगलवार, 11 अगस्त 2009

महिला कैदी-4

मेरी किताब सलाखों में सिसकती सांसे की चौथी कड़ी

जिस्म का सौदा

दुल्हन के रूप में पहली बार ससुराल आई रंजना के अनेक ख्वाब थे। पति का प्यार व सास- ससुर का आशीर्वाद, यह सब उसे मिलेंगे और वह पतिव्रता धर्म का पालन करेगी। लेकिन ससुराल में रंजना को अलग ही माहौल मिला। सास ने ही रंजना पर किसी और का बिस्तर गर्म करने का दबाव डाला। शुरू में तो उसने आनाकानी की लेकिन सास- ससुर व पति के दबाव के चलते उसे अपना जिस्म किसी और को सौंपना पड़ा। दरअसल उसके सास- ससुर एक पॉश कॉलोनी में अपने घर में जिस्म फरोशी का काम करते थे। फिर उन्होने अपने घर की बहू को भी जिस्म बेचने के धंधे में शामिल कर लिया। ससुराल में मिले अनेपक्षित माहौल से रंजना तो कुछ समझ भी नहीं पाई थी। सास, ससुर व पति द्वारा इसे अपना धंधा बताने पर उसने सब कुछ स्वीकार कर लिया था। वक्त के साथ ही वह इस रंग में रंग गई और नए- नए लोगों के साथ रात गुजारना उसकी आदत हो गई। चालीस वर्षीय रंजना शादी के बाद से ही वेश्यावृत्ति के धंधे में शामिल हो गई। उसे यह पेशा उसके सास- ससुर से मिला। उसकी सास भी तो जिस्म फरोशी का ही धंधा करती थी। खुद भी अपना जिस्म बेचती थी और अपनी बहू और अन्य लड़कियां लाकर उनसे भी यही काम कराती थी। इस दलदल में फंस चुकी रंजना को शादी के कुछ सालों बाद ही यह धंधा रास आने लगा। परिवारं से मिले इस धंधे ने उसे भी अय्याश बना दिया। फिर तो वह भी इस धंधे में अपनी सास का भरपूर साथ देने लगी। सास के बाद उसने खुद ही यह धंधा संभाल लिया।वह मुम्बई सहित कई बड़े महानगरों से लड़कियां लाती थी और उनसे वेश्यावृत्ति कराती थी। एक निश्चित रकम उन लड़कियों को थमाती और शेष खुद रखती। वह एक साथ लगभग चार- पांच लड़कियां रखती थी। कुछ दिनों बाद वह फिर नई लड़कियां लाती थी। रंजना का पति इस धंधे में उसकी पूरी मदद करता था। चाहे मामला लड़कियां लाने का हो या फिर अपनी पत्नी को किसी ओर के पास भेजने का, सभी में उसके पति की सहमति होती थी। लम्बे वक्त से इस पेशे से जुड़ी रंजना एक दिन पुलिस की गिरफ्त में आ गई। उसके घर पर लड़की भी बरामद हुई। उसे वेश्यावृत्ति, अपहरण और बलात्कार में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और वह पहुंच गई जेल में। बार- बार कुरेदने पर भी उसने अपने जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में ज्यादा नहीं बताया। लेकिन यह बात जरूर सामने आई कि ससुराल के बिगड़े माहौल ने ही उसे बिगाड़ कर रख दिया। ससुराल वालों के दबाव व माहौल ने ही उसे जिस्मफरोशी के दलदल में फंसा दिया, जिससे निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया था। अपने इलाके में 'आण्टीÓ के नाम से मशहूर रंजना लड़कियों की खराब आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर उन्हें इस धंधे में लाती थी। औरत की इज्जत को धंधा बनाने वाली यह औरत जेल में खुद बेइज्जती का जीवन गुजार रही थी। यह उसकी संकीर्ण सोच ही थी कि इस जिल्लत भरी जिन्दगी में ही उसे विलासिता नजर आ रही थी।

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